बेमेतरा में अब तक 254.2 मिमी वर्षा दर्ज

बेमेतरा में अब तक 254.2 मिमी वर्षा दर्ज बेमेतरा में अगले 24 घंटे भरी वर्षा होने का अलर्ट जरी किया गया है

बेमेतरा
बेमेतरा

छत्तीसगढ़ के कई जिलो में 24 घंटे में भारी वर्षा होने का अलर्ट मौसम विभाग द्वारा जारी किया गया है बेमेतरा में भी विभाग द्वारा अलर्ट जरी किया गया है मौसम विभाग छत्तीसगढ़ में होने वाली वर्षा पे नजर बनाये हुए है छत्तीसगढ़ में आब तक जिलो के हिसाब से इस समय तक जितनी वर्षा हो चुकी है वो इस प्रकार है –

रायपुर, 23 जुलाई 2024 : राज्य शासन के राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा बनाए गए राज्य स्तरीय नियंत्रण कक्ष द्वारा संकलित जानकारी के मुताबिक एक जून 2024 से अब तक राज्य में 401.2 मिमी औसत वर्षा दर्ज की जा चुकी है। राज्य के विभिन्न जिलों में 01 जून 2024 से आज 23 जुलाई सवेरे तक रिकार्ड की गई वर्षा के अनुसार बीजापुर जिले में सर्वाधिक 972.2 मिमी और सरगुजा जिले में सबसे कम 150.7 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी है।राज्य स्तरीय बाढ़ नियंत्रण कक्ष से प्राप्त जानकारी के अनुसार एक जून से अब तक सूरजपुर जिले में 224.0 मिमी, बलरामपुर में 355.9 मिमी, जशपुर में 260.5 मिमी, कोरिया में 264.0 मिमी, मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में 224.5 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी।

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इसी प्रकार, रायपुर जिले में 325.2 मिमी, बलौदाबाजार में 361.3 मिमी, गरियाबंद में 483.7 मिमी, महासमुंद में 275.7 मिमी, धमतरी में 503.4 मिमी, बिलासपुर में 375.4 मिमी, मुंगेली में 419.1 मिमी, रायगढ़ में 338.5 मिमी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में 206.1 मिमी, जांजगीर-चांपा में 340.1 मिमी,

वन्ही सक्ती में 286.7 कोरबा में 408.3 मिमी, गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही में 377.7 मिमी, दुर्ग में 254.0 मिमी औसत वर्षा दर्ज की गयी। कबीरधाम जिले में 344.3 मिमी, राजनांदगांव में 474.9 मिमी, मोहला-मानपुर-अंबागढ़चौकी में 490.3 मिमी, खैरागढ़-छुईखदान-गंडई में 314.1 मिमी, बालोद में 594.0 मिमी, बेमेतरा में 254.2 मिमी, बस्तर में 538.1 मिमी, कोण्डागांव में 451.9 मिमी, कांकेर में 562.1 मिमी, नारायणपुर में 531.7 मिमी, दंतेवाड़ा में 528.3 मिमी और सुकमा जिले में 747.6 मिमी औसत वर्षा एक जून से अब तक रिकार्ड की गई।

छत्तीसगढ़ के कई जिलो में भारी बारिश के कारण नदियों नालो में बाड जैसा माहोल बना हु है बेमेतरा के शिवनाथ नदी में भी जल स्तर बड गया है हलाकि इतना जल स्तर नदी में पहले भी आता रहा है

दंतेवाडा में तो बांध टूट जाने के कारण गाड़िया नदी में बहती दिखाई दी है औरचित्रकोट जलप्रपात में बारिश के कारण जल स्तर बड गया है जिसको देखने दूर दूर से लोग चित्रकोट जलप्रपात पंहुच रहे है

प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात "भारत का नियाग्रा" हर मौसम में दिखाई देता है, लेकिन बरसात के मौसम में इसे देखना अधिक रोमांचक अनुभव है। बारिश की ऊंचाई से विशाल पानी की गर्जना रोमांच और सिहरन पैदा करती है। बरसात के मौसम में इन झरनों की सुंदरता बहुत अधिक होती है। जुलाई-अक्टूबर के दौरान यहां पर्यटकों का आना उपयुक्त रहता है। सुरम्य झरनों के चारों ओर घना जंगल है। , जो इसकी प्राकृतिक सुंदरता को और भी बढ़ा देता है। इस स्थान को नदी में पूरी रोशनी से जगमगा दिया गया है। झरने से गिरते पानी की सुंदरता पर्यटक रोशनी से देखी जा सकती है। इस झरने से अलग-अलग मौकों पर कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएँ गिरती हैं।
इस झरने को भारत का नियाग्रा भी कहा जाता है। चित्रकोट झरना बहुत खूबसूरत है और पर्यटकों को यह बहुत पसंद आता है। इस जलप्रपात से घने वृक्षों और विंध्य पर्वतमालाओं के बीच में गिरता हुआ विशाल जलराशि पर्यटकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करता है।
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