विधानसभा मानसून सत्र के दौरान प्रमुख विषयों पर चर्चा

विधानसभा मानसून सत्र छत्तीसगढ़ में सदन में हंगामा जैसा माहोल

विधानसभा मानसून सत्र छत्तीसगढ़
विधानसभा मानसून सत्र छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ विधानसभा मानसून सत्र के दूसरे दिन शून्यकाल के दौरान कांग्रेस ने खाद बीज संकट पर स्थगन प्रस्ताव पेश किया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने खाद बीज संकट का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि, किसानों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।

पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बिजली कटौती पर बोलते ही वरिष्ठ भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने टिप्पणी कर दी। उनकी टिप्पणी के बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया। विपक्षी सदस्यों ने खड़े होकर श्री चंद्राकर की टिप्पणी का विरोध किया। इसके बाद भूपेश बघेल ने कहा- नकली खाद-बीज और बिजली संकट पर स्थगन है। किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। नकली खाद, नकली बीज से किसान परेशान हैं।

इस बीच भाजपा विधायक भी लगातार पिछली सरकार के दौरान किसानों को आई समस्याओं का जिक्र कर टिप्पणी करते रहे। इसके साथ ही खाद- बीज संकट को लेकर सदन में जमकर हंगामा होने लगा। विपक्षी सदस्य सदन में जमकर नारेबाजी करने लगे। सत्तापक्ष के सदस्य भी टिप्पणी करते रहे।

दोनो ओर से जोरदार हंगामा होने के बाद विधानसभा मानसून सत्र छत्तीसगढ़अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने हस्तक्षेप किया। हस्तक्षेप के बाद उमेश पटेल ने स्थगन पर चर्चा की मांग की। इसी के साथ खाद बीज को लेकर दोनों पक्षों में फिर से तीखी नोंक झोंक शुरू हो गई।

सवाल का जवाब देते हुए मंत्री लखनलाल देवांगन ने बताया कि, वर्ष 2022 से जून 2024 के बीच किसी भी उद्योग में स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन नहीं किया गया।

इस पर अनुज शर्मा ने फिर पूछा- इस अवधि में जांच क्यों नहीं कराई गई? इसके लिए जो दोषी हैं, क्या उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

तब मंत्री लखनलाल देवांगन ने जवाब देते हुए कहा कि, जिन उद्योगों ने जांच नहीं कराया उनको जांच के निर्देश देंगे। मंत्री के जवाब के बाद अनुज शर्मा ने अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने अफसरों पर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। इस पर मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा- दस्तावेज उपलब्ध कराने पर मामले की जांच करेंगे।

विधानसभा मानसून सत्र छत्तीसगढ़ -पुल निर्माण में भ्रष्टाचार हुआ- कवासी लखमा

वहीं प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस विधायक कवासी लखमा ने बस्तर संभाग में ब्रिज निर्माण का मुद्दा उठाया। उन्होंने वर्तमान स्थिति पर लोक निर्माण मंत्री से सवाल पूछा। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने बताया कि, 2020 से मार्च 2024 तक 95 सेतु कार्य जारी हैं। 19 कार्य पूरा किया जा चुके हैं, 45 कार्य प्रगति पर हैं। 5 काम अनियमितता के कारण बंद कर दिए गए।

एक निर्माण कार्य जमीन नहीं होने के कारण निरस्त किया गया है।

लखमा मंत्री रहते एक भी पुल नहीं बनवा पाए कश्यप

मंत्री केदार कश्यप ने कहा- कवासी लखमा मंत्री रहते एक भी ब्रिज नहीं बना पाए। इसी बीच सत्तापक्ष के सदस्यों ने चुटकी लेते हु कहा कि, शराब की कमी तो नहीं हुई।

कवासी लखमा ने कहा- मोटू घाट के ब्रिज का निर्माण कब किया जाएगा। उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने कहा- मोटूघाट में भी ब्रिज निर्माण जल्द होगा। ठेकेदार के काम में प्रगति नहीं होने की वजह से टेंडर निरस्त किया गया।

विपक्ष का सवाल कितने गांव में पहुंचा पानी – भाजपा विधायक कौशिक ने सवाल पूछा कि छत्तीसगढ़ जल जीवन मिशन अंतर्गत कितनी कंपनियों को इंपेनलमेंट किस आधार पर कब-कब किया गया? कितने गांव में पानी पहुंचा है और कितने लोगों को पानी मिला?आगे उन्होंने कहा कि पूर्ववर्ती सरकार की वजह से आज जनता इसका खामियाजा भुगत रही है।

जवाब –:- विधायक धरमलाल कौशिक के प्रश्न का जवाब देते हुए डिप्टी सीएम अरुण साव ने बताया कि प्रदेश में 883 संस्था का इंपेनलमेंट किया गया है। इसके लिए कमेटी बनाई जाती है, जिसमें 11 अधिकारी शामिल होते हैं जो ये पूरा कार्य देखते हैं।

इन सब कार्यों के लिए इनके समानों का अभी इंपेनलमेंट राज्य स्तर पर होता है। इलेक्ट्रो क्लोरिनेटर 2022 में 8 निर्माताओं को नियुक्त किया गया। बाद में इसमें शिकायत मिलने पर इसकी जांच कराई गई। हम लगातार कार्य कर रहे हैं, जहां गड़बड़ी मिल रही वहां कार्यवाही कर रहे हैं। जो इसमें ठेकेदार शामिल थे इसमें कार्यवाही भी की गई है। कई लोगों को निलंबित भी किया गया है।

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