Nipah virus: क्या है और कैसे फैलता है?
Nipah virus एक उभरता हुआ ज़ूनोटिक वायरस है, जिसका अर्थ है कि यह जानवरों से मनुष्यों में फैलता है। यह वायरस पहली बार 1998 में मलेशिया के निपाह गाँव में पहचाना गया था, जहाँ इसने सूअरों और उनसे संपर्क में आने वाले मनुष्यों को संक्रमित किया था। निपाह वायरस तेजी से फैलता है और गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ पैदा कर सकता है, जिससे इसके बारे में जागरूकता और सावधानियाँ बरतना आवश्यक हो जाता है।
Nipah virus क्या है?
Nipah virus (NiV) हेनिपावायरस परिवार का सदस्य है। यह वायरस इंसानों और जानवरों दोनों को संक्रमित कर सकता है। इसका प्राकृतिक होस्ट फल खाने वाले चमगादड़ (फ्लाइंग फॉक्स) होते हैं। इंसानों में इस वायरस का संक्रमण गंभीर बीमारियाँ जैसे एन्सेफलाइटिस (मस्तिष्क में सूजन) और श्वसन संबंधी समस्याएँ पैदा कर सकता है।
Nipah virus कैसे फैलता है?
- जानवरों से इंसानों में फैलाव:
- फल खाने वाले चमगादड़: निपाह वायरस के प्राकृतिक वाहक होते हैं और यह उनके मूत्र, लार, और अन्य शारीरिक स्रावों के माध्यम से फैल सकता है।
- सूअर: संक्रमित सूअरों के संपर्क में आने से इंसानों में वायरस फैल सकता है। मलेशिया और सिंगापुर में पहले प्रकोप के दौरान, सूअर निपाह वायरस के प्रसार के मुख्य माध्यम थे।
- इंसानों से इंसानों में फैलाव:
- संपर्क: संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक स्राव (मूत्र, लार, रक्त) के संपर्क में आने से वायरस फैल सकता है।
- सांस: संक्रमित व्यक्ति के निकट संपर्क में रहने से श्वसन मार्ग से भी संक्रमण फैल सकता है।
- खाद्य माध्यम:
- संक्रमित फल: चमगादड़ द्वारा खाए गए या संक्रमित किए गए फल खाने से इंसानों में वायरस फैल सकता है।
निपाह वायरस के लक्षण
निपाह वायरस के लक्षण संक्रमण के 4-14 दिनों बाद प्रकट हो सकते हैं। प्रमुख लक्षणों में शामिल हैं:
- बुखार
- सिरदर्द
- मांसपेशियों में दर्द
- उल्टी
- गले में खराश
- चक्कर आना
- सुस्ती
- मानसिक भ्रम
- दौरे (सीजर्स)
- कोमा
निपाह वायरस से बचाव
- स्वच्छता और सफाई:
- नियमित रूप से हाथ धोएं और स्वच्छता बनाए रखें।
- संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें।
- जानवरों से दूरी:
- सूअरों और चमगादड़ों के संपर्क में आने से बचें।
- संक्रमित जानवरों के संपर्क में आने से पहले और बाद में हाथ धोएं।
- खाद्य सुरक्षा:
- फल और सब्जियों को अच्छी तरह धोकर ही खाएं।
- चमगादड़ों द्वारा खाए गए या गिरे हुए फल न खाएं।
- सतर्कता और जागरूकता:
- निपाह वायरस के प्रकोप के क्षेत्रों में यात्रा करने से बचें।
- लक्षणों के प्रकट होने पर तुरंत चिकित्सीय सहायता लें।
निष्कर्ष
निपाह वायरस एक गंभीर और संभावित घातक बीमारी है, जिसे समझना और इससे बचाव के तरीके अपनाना आवश्यक है। सही जानकारी और सावधानियों से हम इस वायरस के प्रसार को रोक सकते हैं और अपने और अपने परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित कर सकते हैं। जागरूक रहें, सतर्क रहें और स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों का पालन करें।
केरल में निपाह वायरस का पांचवां केस सामने आया है. मलप्पुरम में 14 वर्षीय एक किशोर में निपाह वायरस की पुष्टि हुई है सूबे में संभावित वायरस के प्रकोप को…
214 की कॉन्टेक्ट लिस्ट तैयार
मलप्पुरम में निपाह वायरस के प्रकोप के बाद, स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि राज्य इस मुद्दे से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। उन्होंने बताया कि 214 लोग प्राथमिक संपर्क सूची में हैं, जबकि 60 उच्च जोखिम वाले हैं। वहीं, संपर्क सूची में शामिल सभी लोगों को आइसोलेट किया जाएगा।
Nipah virus स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि मलप्पुरम में निपाह वायरस की पुष्टि होने के बाद रोकथाम के उपाय तेज कर दिए गए हैं। आज सुबह से ही जोरदार गतिविधियां चल रही हैं। राज्य पूरी तरह तैयार है। निपाह नियंत्रण के लिए सरकारी आदेश के तहत गठित मानक संचालन प्रक्रियाओं (SOP) के आधार पर 25 समितियों का गठन किया गया है। शनिवार सुबह से ही संपर्क ट्रेसिंग शुरू हो गई है।
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